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प्रेम की मर्यादा




आज दिनांक २६.११.२३ को प्रदत्त विषय,' प्रेम की मर्यादा ' पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
प्रेम की मर्यादा:
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मर्यादित हो प्रेम अगर,बुधि जन देंय सम्मान,
मर्यादित जीवन रहा श्री राम बने भगवान।

मर्यादा मे प्रेम की नहीं स्वार्थ कुछ होय,
दिल मे रहता ख़्याल एक, प्रिय को कष्ट न होय।

पुरुष मित्र और लड़की मित्र ,ये मित्रता में है ठीक नहीं,
धोका दे मित्र इनको कहना,ये समाज मे ठीक नहीं।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़



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4 Comments

खूबसूरत भाव

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Rupesh Kumar

13-Dec-2023 09:52 PM

V nice

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Shnaya

12-Dec-2023 10:49 PM

Nice

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